Ujjayi Pranayama Benefits | उज्जायी प्राणायाम कैसे करें?

By Admin Aug 14, 2021
Ujjayi Pranayama Benefits in Hindi navkirat kaurUjjayi Pranayama Benefits in Hindi navkirat kaur

Ujjayi Pranayama करने से आपको बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं Ujjayi Pranayama से आप thyroid और खर्राटों जैसी गंभीर बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं Ujjayi Pranayama करने से आप स्वस्थ रहेंगे और आपकी आयु भी लंबी होगी।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आपको Ujjayi Pranayama कैसे करना है। आपको Ujjayi Pranayama करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना है। Ujjayi Pranayama  करने से आपके मन और तन को शांति प्राप्त होती है।

Ujjayi एक संस्कृति का शब्द है जिसका अर्थ है ‘विजयी’ जो दो शब्दों से मिलकर बना है उद् और जी उद् का अर्थ है ‘बंधन’ इसका यह मतलब है कि यह Pranayama हमें सभी बंधनों से मुक्त कर देता है और हमें ताजगी का अनुभव होता है जी का मतलब होता है ‘जीतना’ या किसी चीज को लड़ कर प्राप्त करना।

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Ujjayi Pranayama करने से हमें क्या लाभ प्राप्त होता है (ujjayi pranayama benefits)

  • यह प्राणायाम करने से हमारा मन शांत रहता है।
  • किसी भी प्राणायाम को करने से हमें शांति का अनुभव होता है लेकिन यह प्राणायाम हमें आत्मिक शांति प्रदान करता है।
  • इस प्राणायाम का इस्तेमाल तंत्रिका प्रणाली को ठीक करने के लिए किया जाता है।
  • यह प्राणायाम करने से अनिद्रा जैसी बीमारियां अपने आप दूर हो जाती हैं आपको सोने से पहले इस प्राणायाम को करना होगा।
  • इस प्राणायाम को करने से बहुत सी बीमारियों से हमें राहत प्राप्त होती है।
  • इस प्राणायाम को करने से गले की बीमारियों से हमें राहत मिलती है।
  • इस प्राणायाम को करने से आप खर्राटे जैसी गंभीर बीमारी को दूर कर सकते हैं।

इसके अलावा और भी ऐसे बहुत से लाभ आपको उज्जैन प्राणायाम करने से मिलते हैं आपको इस प्राणायाम को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अवश्य करना चाहिए। कम से कम प्रतिदिन एक बार इस प्राणायाम को अवश्य करना चाहिए ताकि हम परेशानियों से दूर रहें और अपने जीवन में खुशहाल रहें।

Ujjayi Pranayama करने का सही तरीका क्या है?

प्राणायाम करने से हमें बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं और बहुत सी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन हमें प्राणायाम करने का बिल्कुल सटीक तरीका पता होना चाहिए अगर हम प्राणायाम  गलत विधि से करते हैं तो हमें प्राणायाम करने का किसी तरह से कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता। गलत तरीके से प्राणायाम करना नुकसानदायक भी हो सकता है।

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 अब हम आपको Ujjayi Pranayama करने का बिल्कुल सटीक विधि बताने जा रहे हैं।

  • सबसे पहले अपने शरीर को बिल्कुल शांत कर ले और किसी  आरामदायक और शांत जगह पर बैठ जाएं ताकि आप यह प्राणायाम ध्यान लगाकर कर सकें जिससे आपको लाभ प्राप्त हो।
  • अपनी सांसो को स्थिर कर ले और बिल्कुल आराम से धीरे-धीरे सांस लें।
  • अब आपको अपना ध्यान अपने गले की ओर केंद्रित करना है किसी और चीज के बारे में ना सोचे अपना पूरा ध्यान अपने गले और प्राणायाम को करने पर केंद्रित करें।
  • अब आप यह अनुभव करें कि आपकी सांस आपके गले से होकर अंदर जा रही है और उसी तरह से गले से बाहर आ रही है यह प्रक्रिया निरंतर चलती जा रही है।
  • जब आपका पूरा ध्यान अपनी सांस पर केंद्रित हो जाए तो सांस को थोड़ा धीमा कर दें साथ ही साथ अपने कंठ द्वार को भी संकुचित करें ऐसा करते समय आपके गले से सांस आने जाने की धीमी सी आवाज आनी चाहिए जिससे आपको पता चल पाए कि आपका प्राणायाम बिल्कुल सही हो रहा है।
  • इसी तरह से धीरे-धीरे आप अपनी सांस को लंबी और गहरी करते जाएं।
  • दाएं और बाएं दोनों नथुनों से सांस लेना Bhastrika pranayama होता है।
  • आपको इस प्रक्रिया को निरंतर 20 से 25 मिनट तक दोहराते रहना है।
  • अगर आप किसी कारणवश बैठने में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आप इस प्राणायाम को जमीन पर लेट कर या खड़े रहकर भी आसानी से कर सकते हैं।

दोस्तों जो हमने प्रक्रिया आपको यहां बताई है यह बहुत ही आसान है बस आपको इसे एक बार करना आना चाहिए आपको इसे प्रतिदिन दोहराते रहना है ताकि आपको लाभ मिल सके।

Ujjayi Pranayama करते समय आपको कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।

वैसे तो उज्जैन प्राणायाम करने से आपको बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है लेकिन अगर यह सही तरीके से किया जाए अगर आपको कोई भी रोग है तो आप इसे कर सकते हैं लेकिन अगर आपको हृदय रोग है तो आप इस प्राणायाम को ना करें।

लेकिन अगर आप फिर भी है Ujjayi Pranayama करना चाहते हैं तो आप इस प्राणायाम को बिना सांस रोके और बिल्कुल सही तरीके से करें जिससे आपको हृदय रोग से छुटकारा मिल सकता है।

Ujjayi Pranayama आपको बंद कमरे में नहीं करना है  इसे हवादार स्थान पर करें जहां आपको अच्छी हवा मिल सके अच्छा होगा अगर आप किसी पेड़ के नीचे बैठकर या किसी पार्क में इस प्राणायाम को करें जिसे आपको और अधिक लाभ होगा।

दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको हमारे द्वारा बताए की विधि समझ आ गई होगी अगर आपको फिर भी कोई समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं हम आपकी समस्या को दूर करने का भरपूर प्रयास करेंगे।

FAQ

उज्जाई प्राणायाम दिन में कितनी बार करना चाहिए?

अगर आप अभी प्राणायाम करना आरंभ कर रहे हैं तो पहले दिन इसे एक या दो बार ही करें अगर आपको यह परिणाम अच्छे से करना आ जाता है तो फिर आप दूसरे दिन 3 बार तीसरे दिन 5 बार और आपको इस प्राणायाम को 1 दिन में 5 बार से अधिक नहीं करना है।

क्या प्राणायाम खतरनाक हो सकता है?

अगर आप प्राणायाम बिल्कुल सही तरीके से करते हैं तो आपको इसका लाभ अवश्य होता है लेकिन अगर आप अपने प्राणायाम को बहुत ज्यादा या गलत तरीके से करते हैं तो आपको इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है अगर आप प्राणायाम करने में लापरवाही बरतते हैं तो आप गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं।

क्या बंद कमरे में प्राणायाम कर सकते हैं?

प्राणायाम आपको कभी भी बंद कमरे में नहीं करना चाहिए इसे आपको बाहर बालकनी में या खुले हवादार कमरे में ही करना चाहिए अगर आप इसे बंद कमरे में करते हैं तो आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है या आपके brain पर भी असर पड़ सकता है जिसे आप गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

क्या पीरियड्स में उज्जायी प्राणायाम करना चाहिए?

जी हां इसमें कोई भी परेशानी नहीं है आप बिल्कुल पीरियड्स में उज्जायी प्राणायाम कर सकते हैं  लेकिन आपको यह भी ध्यान रखना है कि अगर आपको प्राणायाम करते समय कोई भी दिक्कत आ रही है तो आपको यह प्रणाम नहीं करना है।

आज के लेख में हमने क्या सीखा?

आज के लेख में हमने आपको बताया है कि उज्जायी प्राणायाम क्या है आप उज्जायी प्राणायाम कैसे कर सकते हैं इस प्राणायाम को करने से आपको क्या लाभ होगा उज्जायी प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है इस प्राणायाम को कब नहीं करना चाहिए।

दोस्तों अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो आप नीचे share के बटन पर क्लिक करके इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद यह लेख पूरा पढ़ने के लिए मैं आशा करता हूं कि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला होगा।

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